कुछ ऐसे बनाएं अपना रेज्यूमे, खूब मिलेंगे जॉब ऑफर्स
आपका रेज्यूमे आपकी पहचान से कम नहीं होता है। चाहे आप अपनी पहली नौकरी की तलाश में हो या फिर नौकरी बदलने की सोच रहे हों, इन दोनों ही हालात में रेज्यूमे की भूमिका बहुत अहम होती है। रेज्यूमे को लेकर हर किसी का नजरिया अलग अलग होता है, लेकिन नौकरी लगने का पहला कदम यहीं से शुरू होता है, इसलिए यहां जानिए कि आपको फाइनल रेज्यूमे आगे भेजने से पहले इसमें क्या शामिल करना चाहिए और क्या नहीं|
रेज्यूमे लिखते समय ध्यान देने वाली आवश्यक बातें :
1. रेज्यूमे की फोर्मैटिंग और फॉन्ट :
एक अच्छा रेज्यूमे अच्छी फोर्मैटिंग के बिना अधूरा है, रेज्यूमे की फोर्मैटिंग आपकी कंप्यूटर स्किल को दर्शाती है, वो यह दर्शाती है की आपकी प्रेजेंटेशन स्किल कितनी अच्छी या बुरी है। इसलिए रेज्यूमे एक अच्छे फॉर्मेट में बना होना चाहिए। जहाँ जरुरत हो बोल्ड शब्दों का चयन करना चाहिए, आप अंडरलाइन और हाइलाइटर का भी इस्तेमाल कर सकते है, रेज्यूमे एक ही तरह के फॉन्ट में बना होना चाहिए, चाहे अपने कई तरह के बहुत सुन्दर फॉन्ट इस्तेमाल किये हो वो अच्छा नहीं माना जाता |
2. रेज्यूमे के नोट्स :
सबसे पहले अपने विषय में जो खास जानकारी आप रेज्यूमे में देना चाहते हैं, उन्हें नोट कर लें। रेज्यूमे बनाने से पहले अपने बारे में सभी फेक्चुअल इंफॉर्मेशन, तारीख आदि इकट्ठा कर लें फिर रिज्यूमे की तैयारी करें | रेज्यूमे इंग्लिश भाषा में बनाया जाता है इसलिए रेज्यूमे में लिखे सभी आवश्यक इंग्लिश शब्दो का अर्थ समझे क्योकि इंटरव्यूवर आपके रेज्यूमे से आपसे कुछ भी पूछ सकते है | जो भी जानकारी आप रेज्यूमे में दे रहे है वह 100 % सत्य होनी भी ज़रूरी है | अपने रेज्यूमे का फॉर्मेट जितना हो सकें, उतना सरल रखें । अपने द्वारा दी जा रही जानकारी को क्रम में रखें, जिससे देखने वाला आकर्षित हो सकें |
3. बहुत छोटा और बड़ा रेज्यूमे बनाना :
सामान्य तौर पर हमारा रेज्यूमे 1 से 2 पेज का होना चाहिए | कुछ लोग एक पेज के रेज्यूमे में भी बहुत कम जानकारी देते है | अगर आपके पास पेज को भरने के लिए ज्यादा एजुकेशनल और काम का अनुभव नही है तो आप इसमे स्कूल के दौरान मिले अवार्ड और सर्टिफिकेट का जिक्र कर सकते है | आपने कोई वर्कशॉप या फिर कोई सेमिनार अटेंड किया है तो उसको भी आप अपने रेज्यूमे में लिख सकते है| दूसरी बात अगर आपके पास बहुत सी योग्यता और अनुभव है तो अपने रेज्यूमे में केवल जरुरी योग्यता और अनुभव का ही जिक्र करे | अपने रेज्यूमे में ज्यादा छोटी छोटी योग्यता और उपलब्धियों को लिख कर बड़ा और बोरिंग रेज्यूमे ना बनयें |
4. पर्सनल जानकारी :
किसी भी रेज्यूमे की शुरुआत अपने विषय में व्यक्तिगत जानकारी से शुरू की जाती है जिसमें आपका नाम-पता और मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी होना चाहिए। तो धयान दें की जो भी पर्सनल जानकारी आप अपने बारे में दे रहे है वो सही हो क्युकि ये ही आपकी बेसिक जानकारी दर्शाता है |
5. ऑब्जेक्टिव :
ज्यादातर ऑब्जेक्टिव कॉपी पेस्ट किया जाता है , जिसका सीधा मतलब होता है ,आपने जिसका माय ऑब्जेक्टिव कॉपी किया है। आप भी उसी व्यक्ति की तरह सोचते है। और अपना ऑब्जेक्टिव खुद से लिखें नहीं तो इंटरव्यू में कई बार शर्मिंदा होना पड़ सकता है। आपका ऑब्जेक्टिव आपके जॉब प्रोफाइल को प्रस्तुत करता हुआ होना चाहिए। क्योकि हर व्यक्ति का ऑब्जेक्टिव अलग होता है। ऑब्जेक्टिव के रूप में जो भी लिखे लिखते समय धयान दें की रेज्यूमे पढ़ने वाले को आपके कैरियर के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाये, जैसे की – जाब टाइटिल जैसे कि \'कम्प्यूटर आपरेटर\' \'ग्राफिक डिजाइनर\' आदि | फिर इसके बाद अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के विषय में पूर्ण जानकारी दें।
6. करियर का टारगेट :
अब आप अपने रेज्यूमे में ऐसा कुछ लिखें, जो ये दर्शाता हो कि आपने अपने करियर के लिए क्या टारगेट निर्धारित कर रखा है या आप कैसे काम करने वाले हैं। यहां आप अपने करियर के बारे में थोड़ी-सी जानकारी दे सकते हैं |
7. स्किल्स (योग्यताऐं) :
योग्यताओं में आप सबसे पहले आपके भाषा ज्ञान के बारें में बता सकते है की आपको कौन- कौन सी भाषा का ज्ञान है, लेकिन उन्हें भी स्पष्ट रूप से बताये की कौनसी भाषा किस स्तर की है यानि बेसिक है या एडवांस है या फ़्लूएंट है, इसके बाद अपनी टेक्निकल योग्यता के बारें में बताये, जैसे अगर आपमें कंप्यूटर की कोई खास योग्यता है उसके बारें में बताये या आपमें सॉफ्टवेयर से सम्बंधित कोई योग्यता है तो उसकी जानकारी दें। अगर आपकी जॉब सोशल मीडिया से सम्बंधित हो तो आप सोशल साइट्स की जानकारी भी सम्मिलित कर सकते है, लेकिन अगर इन सबका सम्बन्ध जॉब से बिल्कुल न हो तो अनावश्यक चीज़े न लिखे।
8.विशेष योग्यताए :
इस सेक्शन मैं आप अपनी शेक्षिक योग्यताओ के अलावा अपनी विशेष योग्यताओ के बारे में जानकारी दे सकते है | जैसे यदि आपने 1 वर्ष का कंप्यूटर कोर्स किया है या कोई अन्य कोर्स, तो इन सभी को आप अपने रेज्यूमे में मेंशन कर सकते है |
9. कवर लेटर :
यह लेटर रिक्रूटमेंट मैनेज़र /हायरिंग मैनेज़र/एच.आर हेड को लिखा जाता है। और इसमें कुछ लाइनों में करियर ऑब्जेक्टिव और जॉब प्रोफाइल के लिए अप्लाई करने का कारण बताया जाता है। तो बहुत ज़रूरी है की आपके रिज्यूमे का कवर लेटर बिलकुल पॉइंट टू पॉइंट लिखा हो |
10. फिर से पढ़े और एडिट करें :
रिज्यूमे की सारी फॉर्मेटिंग के बाद लास्ट में एक बार फिर से रिज्यूमे को पूरा पढ़ें और अगर कोई भी छोटी से भी गलती दिखे तो उसे तुरंत ठीक करें, क्योंकि ये रिज्यूमे आपका करियर बना सकता है, तो इसे लेकर बिल्कुल भी लापरवाही ना करें।
निष्कर्ष : सबसे खास बात रेज्यूमे में कोई गलत जानकारी न दें। रेज्यूमे ऐसा होना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ सवाल जरूर कर सके। अहम बात यह भी है कि आपका रेज्यूमे किसी भी तरह से गंदा नहीं दिखाई देना चाहिए। अब जब आप अपना रिज्यूमे बनाये तो इन सारी बातों पर ध्यान जरूर दे और रिज्यूमे की फोर्मेटिंग सही तरह से ऊपर दिए निर्देशानुसार करें, अगर आपके पास जो रिज्यूमे है और अगर इन सभी बातों के अनुसार उसमे कोई भी कमी है तो बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ ना करें, तुरंत नया रिज्यूमे बनाये और यकीन माने आपको जॉब ऑफर्स |
रेज्यूमे लिखते समय ध्यान देने वाली आवश्यक बातें :
1. रेज्यूमे की फोर्मैटिंग और फॉन्ट :
एक अच्छा रेज्यूमे अच्छी फोर्मैटिंग के बिना अधूरा है, रेज्यूमे की फोर्मैटिंग आपकी कंप्यूटर स्किल को दर्शाती है, वो यह दर्शाती है की आपकी प्रेजेंटेशन स्किल कितनी अच्छी या बुरी है। इसलिए रेज्यूमे एक अच्छे फॉर्मेट में बना होना चाहिए। जहाँ जरुरत हो बोल्ड शब्दों का चयन करना चाहिए, आप अंडरलाइन और हाइलाइटर का भी इस्तेमाल कर सकते है, रेज्यूमे एक ही तरह के फॉन्ट में बना होना चाहिए, चाहे अपने कई तरह के बहुत सुन्दर फॉन्ट इस्तेमाल किये हो वो अच्छा नहीं माना जाता |
2. रेज्यूमे के नोट्स :
सबसे पहले अपने विषय में जो खास जानकारी आप रेज्यूमे में देना चाहते हैं, उन्हें नोट कर लें। रेज्यूमे बनाने से पहले अपने बारे में सभी फेक्चुअल इंफॉर्मेशन, तारीख आदि इकट्ठा कर लें फिर रिज्यूमे की तैयारी करें | रेज्यूमे इंग्लिश भाषा में बनाया जाता है इसलिए रेज्यूमे में लिखे सभी आवश्यक इंग्लिश शब्दो का अर्थ समझे क्योकि इंटरव्यूवर आपके रेज्यूमे से आपसे कुछ भी पूछ सकते है | जो भी जानकारी आप रेज्यूमे में दे रहे है वह 100 % सत्य होनी भी ज़रूरी है | अपने रेज्यूमे का फॉर्मेट जितना हो सकें, उतना सरल रखें । अपने द्वारा दी जा रही जानकारी को क्रम में रखें, जिससे देखने वाला आकर्षित हो सकें |
3. बहुत छोटा और बड़ा रेज्यूमे बनाना :
सामान्य तौर पर हमारा रेज्यूमे 1 से 2 पेज का होना चाहिए | कुछ लोग एक पेज के रेज्यूमे में भी बहुत कम जानकारी देते है | अगर आपके पास पेज को भरने के लिए ज्यादा एजुकेशनल और काम का अनुभव नही है तो आप इसमे स्कूल के दौरान मिले अवार्ड और सर्टिफिकेट का जिक्र कर सकते है | आपने कोई वर्कशॉप या फिर कोई सेमिनार अटेंड किया है तो उसको भी आप अपने रेज्यूमे में लिख सकते है| दूसरी बात अगर आपके पास बहुत सी योग्यता और अनुभव है तो अपने रेज्यूमे में केवल जरुरी योग्यता और अनुभव का ही जिक्र करे | अपने रेज्यूमे में ज्यादा छोटी छोटी योग्यता और उपलब्धियों को लिख कर बड़ा और बोरिंग रेज्यूमे ना बनयें |
4. पर्सनल जानकारी :
किसी भी रेज्यूमे की शुरुआत अपने विषय में व्यक्तिगत जानकारी से शुरू की जाती है जिसमें आपका नाम-पता और मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी होना चाहिए। तो धयान दें की जो भी पर्सनल जानकारी आप अपने बारे में दे रहे है वो सही हो क्युकि ये ही आपकी बेसिक जानकारी दर्शाता है |
5. ऑब्जेक्टिव :
ज्यादातर ऑब्जेक्टिव कॉपी पेस्ट किया जाता है , जिसका सीधा मतलब होता है ,आपने जिसका माय ऑब्जेक्टिव कॉपी किया है। आप भी उसी व्यक्ति की तरह सोचते है। और अपना ऑब्जेक्टिव खुद से लिखें नहीं तो इंटरव्यू में कई बार शर्मिंदा होना पड़ सकता है। आपका ऑब्जेक्टिव आपके जॉब प्रोफाइल को प्रस्तुत करता हुआ होना चाहिए। क्योकि हर व्यक्ति का ऑब्जेक्टिव अलग होता है। ऑब्जेक्टिव के रूप में जो भी लिखे लिखते समय धयान दें की रेज्यूमे पढ़ने वाले को आपके कैरियर के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाये, जैसे की – जाब टाइटिल जैसे कि \'कम्प्यूटर आपरेटर\' \'ग्राफिक डिजाइनर\' आदि | फिर इसके बाद अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के विषय में पूर्ण जानकारी दें।
6. करियर का टारगेट :
अब आप अपने रेज्यूमे में ऐसा कुछ लिखें, जो ये दर्शाता हो कि आपने अपने करियर के लिए क्या टारगेट निर्धारित कर रखा है या आप कैसे काम करने वाले हैं। यहां आप अपने करियर के बारे में थोड़ी-सी जानकारी दे सकते हैं |
7. स्किल्स (योग्यताऐं) :
योग्यताओं में आप सबसे पहले आपके भाषा ज्ञान के बारें में बता सकते है की आपको कौन- कौन सी भाषा का ज्ञान है, लेकिन उन्हें भी स्पष्ट रूप से बताये की कौनसी भाषा किस स्तर की है यानि बेसिक है या एडवांस है या फ़्लूएंट है, इसके बाद अपनी टेक्निकल योग्यता के बारें में बताये, जैसे अगर आपमें कंप्यूटर की कोई खास योग्यता है उसके बारें में बताये या आपमें सॉफ्टवेयर से सम्बंधित कोई योग्यता है तो उसकी जानकारी दें। अगर आपकी जॉब सोशल मीडिया से सम्बंधित हो तो आप सोशल साइट्स की जानकारी भी सम्मिलित कर सकते है, लेकिन अगर इन सबका सम्बन्ध जॉब से बिल्कुल न हो तो अनावश्यक चीज़े न लिखे।
8.विशेष योग्यताए :
इस सेक्शन मैं आप अपनी शेक्षिक योग्यताओ के अलावा अपनी विशेष योग्यताओ के बारे में जानकारी दे सकते है | जैसे यदि आपने 1 वर्ष का कंप्यूटर कोर्स किया है या कोई अन्य कोर्स, तो इन सभी को आप अपने रेज्यूमे में मेंशन कर सकते है |
9. कवर लेटर :
यह लेटर रिक्रूटमेंट मैनेज़र /हायरिंग मैनेज़र/एच.आर हेड को लिखा जाता है। और इसमें कुछ लाइनों में करियर ऑब्जेक्टिव और जॉब प्रोफाइल के लिए अप्लाई करने का कारण बताया जाता है। तो बहुत ज़रूरी है की आपके रिज्यूमे का कवर लेटर बिलकुल पॉइंट टू पॉइंट लिखा हो |
10. फिर से पढ़े और एडिट करें :
रिज्यूमे की सारी फॉर्मेटिंग के बाद लास्ट में एक बार फिर से रिज्यूमे को पूरा पढ़ें और अगर कोई भी छोटी से भी गलती दिखे तो उसे तुरंत ठीक करें, क्योंकि ये रिज्यूमे आपका करियर बना सकता है, तो इसे लेकर बिल्कुल भी लापरवाही ना करें।
निष्कर्ष : सबसे खास बात रेज्यूमे में कोई गलत जानकारी न दें। रेज्यूमे ऐसा होना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ सवाल जरूर कर सके। अहम बात यह भी है कि आपका रेज्यूमे किसी भी तरह से गंदा नहीं दिखाई देना चाहिए। अब जब आप अपना रिज्यूमे बनाये तो इन सारी बातों पर ध्यान जरूर दे और रिज्यूमे की फोर्मेटिंग सही तरह से ऊपर दिए निर्देशानुसार करें, अगर आपके पास जो रिज्यूमे है और अगर इन सभी बातों के अनुसार उसमे कोई भी कमी है तो बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ ना करें, तुरंत नया रिज्यूमे बनाये और यकीन माने आपको जॉब ऑफर्स |
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THANK YOU.......